NYT स्टडी में बताया: भारत में 6 से 42 लाख है कोविड डेथ का असली नंबर, न कि 3 लाख
सेहतराग टीम
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आंकड़ों 26 मई यानी आज तक कुल 2,71,57,795 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं जबकि कुल 3,11,388 लोगों की मौत चुकी है। ये आंकड़ें आपको डराने के लिए काफी हैं। वहीं सरकारी आंकड़ों में अंडररिर्पोटिंग की चर्चा भी लगातार हो रही है।न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञों से परामर्श से भारत में सरकारी मौत- संक्रमण के आंकड़ों के साथ-साथ लार्ज स्केल एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजों और कई संभावित अनुमानों विश्लेषण किया और कोरोना से वास्तविक मौत एवं संक्रमण का अनुमान लगाया है। इससे जो नतीजे सामने आए वो चौंकाने वाले हैं।
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भारत में कोरोना संक्रमितों और मौतों के वास्तविक आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए भारत में कराए गए तीन देशव्यापी एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजों का इस्तेमाल कर उनका विश्लेषण किया गया। इसे सीरो सर्वे भी कहते हैं। तीनों सीरो सर्वे के अनुसार आंकड़ों की वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से 13.5 गुना से लेकर 28.5 गुना तक ज्यादा थी।
सर्वे की अवधि |
कन्फर्म केस तब तक |
वास्तविक संख्या |
कितना अंतर |
May 11 to June 4 |
226,713
|
6,460,000 |
28.5x
|
Aug. 18 to Sep. 20 |
5,490,000 |
74,300,000 |
13.5x |
Dec.18 to Jan. 6 |
10,400,000 |
271,000,000 |
26.1x |
इस विश्लेषण के नतीजे पर पहुंचने के लिए 'कम से कम' वाले स्थिति में वास्तविक संक्रमितों की संख्या को सरकारी आंकड़ों के 15 गुना माना गया है। यानी 24 मई 2021 तक अनुमानित वास्तविक संक्रमितों की संख्या 4.04 करोड़ होगी। इसी तरह 'अधिक आशंका' वाले स्थिति में यह 20 गुना जबकि 'सबसे खराब स्थिति' में 26 गुना ज्यादा माना गया है। इसका कारण है कि सीरो सर्वे में आए नतीजे यह बताते हैं कि वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से इस हद तक ज्यादा है।
इस स्टडी में शामिल एक्सपर्ट ने कहा कि, वैसे ये सीरो सर्वे तब का है जब दूसरी लहर नहीं आई थी। इसका मतलब अब के सर्वे में संक्रमण मामले कहीं ज्यादा मिलेंगे। फिर भी पहले के सर्वे को ही पैमाना मानें तो भारत की आधी आबादी संक्रमित हुई होगी।
इसी तरह मौत के आंकड़ों के लिए 'कम से कम' वाले स्थिति में इंफेक्शन से मृत्यु की दर (यानी संक्रमितों में से कितनों की मौत हुई) को 0.15% लिया गया, 'अधिक आशंका' वाले स्थिति में 0.30% लिया गया ,जबकि भारत के खस्ताहाल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए 'सबसे खराब स्थिति' में 0.6% लिया गया। 2020 के अंत में अमेरिका में इंफेक्शन से मृत्यु की दर 0.30% थी।
स्टडी में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसे देश में सीरो सर्व के नतीजे भी वास्तविक स्थिति से कम हो सकते हैं। इसलिए ये भी संभव है कि वास्तविक संक्रमण और मौत का आंकड़ा सबसे खराब स्थिति में दर्शाए गए आंकड़े से भी ज्यादा हो।
उच्च सर्विलांस वाले देशों में भी महामारी के दौरान असल में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या सरकारी आंकड़ों से अधिक है। शुक्रवार को WHO ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया कि कोरोना से हुई वैश्विक मौतों की वास्तविक संख्या रिपोर्ट की गई संख्या से लगभग 2 या 3 गुना ज्यादा है।
विश्लेषण में शामिल विशेषज्ञ
डॉ इंगविल्ड अल्मास, डॉ. मुराद बनजी,डॉ. टेसा बोल्ड, डॉ सेलीन घिसोल्फी, डॉ. रामनन लक्ष्मीनारायण,डॉ. भ्रामण मुखर्जी, डॉ. पॉल नोवोसाद, डॉ. मेगन ओ'ड्रिस्कॉल, डॉ. जेफरी शमन, डॉ. कायोको शिओडा,रुक्मिणी श्रीनिवासन और डॉ. डैन वेनबर्गर।
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